![रुक्मणि हाथ थामे's image](https://kavishala-ejf3d2fngme3ftfu.z03.azurefd.net/kavishalalabs/post_pics/%40skgakoli/None/1684909588313_24-05-2023_11-56-28-AM.png)
कृष्ण के द्वार गरीब सुदामा आये।
मित्र स्वागत कर सिंहासन बैठाए।
सत्कार कर कुशल क्षेम पूछते रहे।
पुराने दिन याद कर हँसे मुस्कराए।
भाभी ने क्या भेजा कृष्ण पूछ रहे।
निर्धन सुदामा शर्म से पानी हो रहे।
मित्र ने खींचकर निकाली पोटली।
जो सुदामा कोख में दबाकर बैठे।
खोल पोटली कृष्ण तंदुल खा रहे।
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