समस्याएं किधर संकल्प किधर है
आप चेहरे पर चेहरा बदलते रहे है
सवेरा न होगा मुर्गा ढांपकर सोचते
अंधेरा चीरकर उजाला फैल रहा है
छितराए पदचापो से गुमान होता है
आप कभी इधर कभी उधर चले है
अनिश्चितता की स्थिति में जी रहे है
आप रोज गोलपोस्ट बदलते रहै है
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