![खेलते रहे जल से's image](https://kavishala-ejf3d2fngme3ftfu.z03.azurefd.net/kavishalalabs/post_pics/%40skgakoli/None/1684717877097_22-05-2023_06-41-18-AM.png)
प्राणिमात्र का जीवन आधार जल।
पेड़पौधे वनस्पति का जीवन जल।
हरीभरी धरती की शान रहे है वन।
खेलते रहे जल से क्या होगा कल।
प्रकृति ने मानव को बांटे संसाधन।
बेरहमी से क्यों बहा जाते है जल।
खो रही नदी खोते खेत खलियान।
कंक्रीट की दुनिया मे खो रहे वन।
अंधी दौड़ में है मानवता के दुश्मन।
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