देवी अर्चना's image
409K

देवी अर्चना

अणु जगत में जगत अणु में विद्यमान
व्यष्टि समष्टि जगत का एक है निर्धार

चिंगारी फैली चमक ब्रह्मांड में छा गई
एक सुमधुर रूप नारी वहां प्रकट हुई

विनीतभाव सभी देव हाथ बांधे खड़े 
देवी आप कौन करते वंदना पूछ रहे

मैं प्रकृति पुरुषात्मक जगत मैं ब्रह्म हूं
मैं सत असत में मैं यहां जगजननी हूं

आनंद अनानंद मैं विज्ञान अविज्ञान हूं
ब्रह्म अब्रह्म मैं महाभूत दृश्य जगत हूं

वेद अवेद मैं विद्या अविद्या भी मैं हूं
मैं प्रकृति प्रकृति से परे  मैं सर्वत्र हूं

Read More! Earn More! Learn More!