![अनिर्वचनीय आनंद पाते's image](/images/post_og.png)
मेरी कहानी सुन पाओगे दर्द महसूस करोगे
नन्ही बच्ची बिलखी भीड़ की आंखे नम हुई
दर्द रोने हम कहां जाते खैरख्वाह बन आये
इंतजार किया कोई दर्द सुने दो आंसू बहाए
अत्याचार मज़बूरी के शिकार जो हो जाते
बैठते करीब दास्तान सुनके शकुन दे जाते
कठिन डगर पर काश आप दर्द जान पाते
Read More! Earn More! Learn More!