जोड़ियां स्वर्ग में बनती,मेल है तो कुछ बेमेल
खुशनसीब वो जोडियां जिनमे होता मनमेल।
था इंतेज़ार तुम्हारा तुम थी कहीं तारो के पार
अंतराल चार दशकों का जैसे है कल की बात।
कई पड़ाव पार कर गए है एक यात्रा अनवरत
थी कहीं खुशी राह में था कहीं गमो के राज।
मिला साथ तुम्हारा हर गम था हसीन ख्वाब।
जब मिले थे लगता है अभी कल की है बात।
बोया जो पौधा सींचा था प्यार और संस्कार
आज विशाल वृक्ष दे रहा स्वर्ग का अहसास।<
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