तुम
तुम
अभी-अभी शांत हुई बारिश की
पत्तो पर रुकी बूँद हो
जो मन को अँजुरी भर सुख देती है।
तुम
अभी-अभी गुजरी हवा की ठण्डी
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तुम
अभी-अभी शांत हुई बारिश की
पत्तो पर रुकी बूँद हो
जो मन को अँजुरी भर सुख देती है।
तुम
अभी-अभी गुजरी हवा की ठण्डी