बादल..'s image
सच ये भी कोई नहीं किसी का 
सब कहीं ना कहीं बस खुद के है
अपने आप में मशरूफ हर कोई
यहां सबका अलग जमाना है

प्यार लगाव अपनापन
ये सब कुछ देर के ही तो मुद्दे है
समय से फल फूल भी पक जाते है
मौसम का दस्तूर है बदलना 
कर्म है बादलों का चलना
टाइम का तो बस बहाना है


गलत कहना भी गलत है
क्योंकि एक की ह
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