![सुकून और खारा पानी's image](/images/post_og.png)
उसने इठलाकर मेरा हाथ पकड़ा,
और बोली......
दो पल सुकून से बैठो मेरे पास|
और टकटकी लगाई मेरे चहरे को देखती रही||
अनगिनत सवालों के गहरे समंदर,
उसकी आँखों में उमड़ रहे थे|
कुछ लहरे
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उसने इठलाकर मेरा हाथ पकड़ा,
और बोली......
दो पल सुकून से बैठो मेरे पास|
और टकटकी लगाई मेरे चहरे को देखती रही||
अनगिनत सवालों के गहरे समंदर,
उसकी आँखों में उमड़ रहे थे|
कुछ लहरे