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विश्वास की डोर

हर बाजी जीत की हो, ये मुमकिन तो नहीं...
हार का भी अलग रुतबा होता है...।
जिन्दगी यूं ना ले अब इम्तेहान मेरे...
खुशियों से कम, दुखों में ज्यादा बसर होता है।।१
विश्व
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