हे जननी!'s image

मम शीश तुम्हारे चरण सदा,

आश्रय तव आँचल, हे जननी!

तव ऋण शतांश भर सेवा है,

है अल्प समक्ष सकल करनी।

तव तनय हूं सदा महीप रहूं,

तव आयु

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