
मनः स्थिति
इंतज़ार की इन्तहा हुई..
और मिलने को तरस गये!
कुछ दिनों की दूरी नही..
लगता है बरस निकल गये !!
बैठकर साथ जो बाते करनी है..
वो सोचते सोचते थक गये!
कभी कभी जो हंस कर कहा..
आज उसी माहौल में फस गये !!
फिर कभी समय मिलेगा जब बतायेंगे..
तुम बिन दिन कैसे गये!
याद किया हर बात में तुमको..
हंसी हंसी में आँसू निकलते गये !!
कभी न ख
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