
हक़दार!!
लिबास मेरा मैला सही,
बेदाग मन मेरे बच्चों का है!
आप जितना चाहे दुत्कार दो दरवाजे से,
खुले आसमां का प्यार मेरे बच्चों का है !
आँगन में कूड़ा साफ़ कर सकता हूँ रोज़ ,
मेहनत की रोटी पर हक़ मेरे बच्चों का है !
आप खोजते रहते हो कहाँ कहाँ,
खुद्दार व्यक्तित्व मेरे बच्चों का है !
आप किताबों से भी
Read More! Earn More! Learn More!