
हम ब-दस्तूर गुनगुनाते रहे
आँखें खोल ख़्वाब सजाते रहे
वो अपने तौर-तरीके सिखाने आए
हम अपना ही गीत गाते रहे
ज़िन्दगी भर जो कुछ भी सीखा
सब कुछ तबीअ'त से दोहरात
आँखें खोल ख़्वाब सजाते रहे
वो अपने तौर-तरीके सिखाने आए
हम अपना ही गीत गाते रहे
ज़िन्दगी भर जो कुछ भी सीखा
सब कुछ तबीअ'त से दोहरात
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