![फ़िर ना आना!'s image](https://kavishala-ejf3d2fngme3ftfu.z03.azurefd.net/kavishalalabs/post_pics/%40shivshankarpatwa2908/None/1642686549636_20-01-2022_19-19-10-PM.png)
तुम्हें आँसुंओं मे घोलकर
मेरी आंँखें तुमसे केह रही है
याद ना करना, याद ना आना
ऐसा करना फ़िर ना आना
कच्ची नींद जो टूटी अभी
उसने ख़्वाबों से मकान तुम्हारा
हटा दिया है, याद तुम रखना
ये दग़ा याद रखना, भूल ना जाना
दिल मेरा भरा हुआ था
कविता नज़्म अशआरों से
तुमने आकर एक जगह बनाई
समंदरों के किनारे से
अब दिल तुम्हारा अगर भर गया
तुम चली जाओ ख़ुमारी से
दिल ये टूंट टूंट बिखरा है
इसको ना अब बेहकाओ
रस्ता तुम्हारा भूल रहा
Read More! Earn More! Learn More!