शादी का माहौल है ।
चारो ओर गाने बजाने शोर शराबा हो रहा है ।
कहीं कोई किसी की चुटकी ले रहा है तो कोई किसी को छेड़ रहा है तो कहीं बच्चे दौड़भाग रहे है ।
हर किसी के चेहरे से खुशी झलक रही है ।
इनमे एक चेहरा है जो आज कुछ ज्यादा ही खुश दिख रहा है ।
दुल्हन बनी पिंकी के पास जो खड़ी है हां हां वही पिंकी की माँ आसिमा मेरे यार की बीवी ।
देखो तो कितनी खुश है अपनी बेटी को मेंहदी लगते
देखकर ।
आज कितने वर्षो के बाद ये चेहरा इतना खिला है ।
सूरज के जाने के बाद तो ये चेहरा मुरझा ही गया था ।
कितनी खामोश रहने लगी थी आसिमा ।
6बरस गुजर गए यार तेरे गए
पर तु अब भी हमारे दिलो मे जिंदा है ।
यार तू भी ऊपर से अपनी लाडली की शादी देखकर बहुत खुश होगा आज ।
तेरा तो यही सपना था ना ।
अपनी बेटी को तू भी आशीर्वाद दे रहा होगा ।
देख आज कितने वर्षों बाद तेरे घर रौनक सजी है ।
यार तू सिर्फ एक अच्छा दोस्त ही नही था
तू एक अच्छा प्रेमी
अच्छा पति
और एक अच्छा पिता भी था ।
अरे अभी तक मैने खुद का परिचय तो करवाया ही नही
मै अनुज शर्मा हूँ
सूरज सक्सेना का दोस्त ।
मैं आपको सूरज और आसिमा की प्रेम कहानी बताता हूँ मैं आपको लेकर चलता हूँ यादों के गलियारे में ।
मैं और सूरज बचपन के दोस्त थे कॉलेज मे भी हम साथ ही थे । मेरी गर्लफ्रेंड थी रिया । मैं उसे बहुत चाहता था । लेकिन मैं उसका जन्मदिन भूल जाता था हर साल और इस साल भी यही हुआ मैं रिया का जन्मदिन फिर भूल गया । इस बात को लेकर हम दोनो मे बहस हो गई । रिया नाराज होकर घर चली गई । मैं भी कैंटीन में मुँह लटकाए बैठा था । सूरज आया और उसने मुझे ऐसे बैठा देखा तो उसने मुझसे पूछा - यार क्या बात है तू मुँह लटका कर यहाँ क्यों बैठा है आज तो रिया का बर्थडे है ना मैं भी कब से उसे ही ढूंढ रहा था पर वो मुझे कहीं दिखी नही । मैंने जब कुछ नही कहा तो सूरज ने कहा - यार क्या हो गया कुछ तो बोल, कहीं तू रिया का बर्थडे तो नही भूल गया । मैंने हां मे बस अपना सर हिलाया । सूरज मेरे बगल मे आकर बैठ गया । अरे इसमे कौन सी बड़ी बात है । तू अब जाकर विस कर दे । मैंने कहा - मगर वो तो नाराज होकर चली गई ।
अरे तो क्या हो गया सूरज बोला । आज उसका दिन है , उसका हक बनता है नाराज होने का। मैंने कहा - यार तू भी रिया की साइड ले रहा है । तू मेरा दोस्त है या रिया का । सूरज ने कहा - दोनो का । अच्छा छोड़ ये सब । तूने रिया के लिए कोई गिफ्ट-शिफ्ट लिया । मैंने कहा - नही अभी नही लिया । तू तो जानता ही है यार मां कितनी मेहनत करके मुझे पैसे भेजती है । इस महीने उन्होंने थोड़े कम पैसे भेजे थे । मेरे पास भी कम ही पैसे बचे है और उन पैसो मे कोई अच्छा गिफ्ट भी नही मिलेगा । सूरज ने कहा - यार तू कितना सोचता है मैं हूँ ना, तू मुझसे पैसे ले ले । मैंने मना किया तो सूरज कहने लगा तू मुझे अपना दोस्त नही मानता इसलिये मना कर रहा है ना, मैं क्या करता मान गया । मैंने सूरज से कहा - यार तू ही कुछ अच्छा सा गिफ्ट ले आ । रिया तो घर चली गई । अब मैं ही क्लास कर लेता हूँ । तब तक तू भी आ जायेगा फिर साथ ही चलेंगे दोनो उसके घर । मैं क्लास के लिए चला गया और सूरज गिफ्ट खरीदने ।
सूरज ने सोचा उसे भी तो रिया को कोई गिफ्ट देना चाहिए । वो कॉस्मेटिक शाॅप पे गया ।
दुकानदार ने पूछा - भाई क्या चाहिए आपको?
सूरज ने कहा - कोई अच्छी सी लेडीज परफ्यूम देना ।
दुकानदार ने पूछा - कौन सी चाहिए?
सूरज ने कहा - कोई भी दे दो जो अच्छी हो ।
दुकानदार ने सूरज से पूछा - भाई क्या आप लड़कियो वाले परफ्यूम लगाते हो ?
सूरज हल्का सा मुस्कुराया - अरे नही भाई ये हम किसी और के लिए ले रहे है ।
दुकानदार बोला - अच्छा तो अपनी गर्लफ्रेंड के लिए ले रहे है ।
सूरज बोला - अरे नही भाई मेरी दोस्त के लिए ।
तभी दुकान का मालिक वहां आ गया । उसने उस दुकानदार को घूरा और कहा - तुम्हे यहां सामान बेचने को रखा है या ग्राहको से बात करने को । जाओ यहां से । वो आदमी वहां से चला गया ।
बोलो भाई क्या चाहिए आपको - मालिक ने पूछा ।
जी लेडीज परफ्यूम सूरज बोला ।
उसने परफ्यूम खरीदा और बाहर आ गया । वो सोचने लगा अजीब इंसान है क्या हो गया अगर उसने मुझसे बात कर ली तो बेकार मे ही बेचारे को डांट दिया । सूरज अब एक शोरूम की ओर बढ़ गया ।
ये वही शोरूम है जहां सूरज और आसिमा पहली बार मिले थे ।
सूरज शोरूम के अंदर गया । उसने एक बहुत अच्छी ड्रेस पसंद की और काउंटर पे बिल बनवाने गया । उसने देखा एक खूबसूरत सी लड़की बिल काउंटर पे खड़ी है वो उसे देखता ही रह गया । कब उसका नम्बर आ गया उसे पता ही नही चला । वो लड़की उसके आंखो के सामने हाथ हिला रही थी तब जाके उसे होश आया । उसने सूरज से पूछा - सर आप ठीक तो है?
उसने हड़बड़ाते हुए जवाब दिया - जी मैं ठीक हूँ ।
उसने वो ड्रेस उसकी ओर बढ़ाया । जी बिल बना दीजिए । उसने बिल चुकाया और जाने लगा ।
आसिमा ने कहा - सर आपकी पसंद बहुत अच्छी है । शुक्रिया आप अक्सर यहां आते रहिये ।
सूरज ने कहा - हां मेरी पसंद अच्छी है । वो मुस्कुराया और चला गया ।
जाते वक्त परफ्यूम सूरज के जेब से गिर जाता है । आसिमा परफ्यूम गिरते हुए देखती है । वो काउंटर से बाहर आती है । सूरज आगे बढ़ जाता है । आसिमा परफ्यूम लेकर उसके पीछे जाती है । वो सूरज को आवाज लगाती है लेकिन सूरज को आवाज नही आती । एक आदमी सूरज से कहता है - भाई कोई आपको रूकने के लिए कह रहा है । वो पीछे पलटकर देखता है । अरे ये तो वही है । आसिमा का ध्यान परफ्यूम पे जाता है । ये तो लेडीज परफ्यूम है । वो सोचती है कमाल का लड़का है लेडीज परफ्यूम इस्तेमाल करत