वक्त की पाबंदियों में's image

वक्त की पाबंदियों में हम सब होते हैं बंधे 

हर किसी तोड़ना लेकिन मगर आता नही है 

सोचते हैं सभी आसमान को छूने लेने की

हर किसी में हौंसला इतना मगर होता नही है !!

अंधेरी रात के बाद आती है सुबह सबको मालूम

सब्र मगर हर किसी में इतना होता नही है !!

जिंदगी के बाद मौत तय है सबको है पता

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