खूब तमाशा हो रहा मेरे आगे
सबकुछ जानकर भी चुप हूं
कहना बहुत कुछ मुझे
क्यों कहूं सोचकर चुप हूं
जिंदगी की दौड़ सब दौड़ रहे
पहुंचना मौत तक सोचकर चुप हूं Read More! Earn More! Learn More!
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कहना बहुत कुछ मुझे
क्यों कहूं सोचकर चुप हूं
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