![सिलसिले सांसों के's image](https://kavishala-ejf3d2fngme3ftfu.z03.azurefd.net/kavishalalabs/post_pics/%40shelendra-shukla/None/1639461432859_14-12-2021_11-27-15-AM.png)
सिलसिले सांसों के ना जाने कब थम जाए
चलो एक बार फिर से हम गले लग जाए!!
जिंदगी का सफर ना जाने हो कितना लंबा
कुछ वक्त के लिए यन्ही हम दोनों ठहर जाए!!
कुछ लम्हे मेरे पास बैठ जी भर के देख लेने दे
दूरियां ना जाने कब जिंदगी भर की बन जाए !!
कौन झूठा है कौन सच्चा किसी को नही पता
एतबार एक दूसरे का कर हमसफर बन ज
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