कहीं खो सा गया हूं
यों तो दिखता हूं सबके साथ
लेकिन कहीं गुम हो गया हूं !!
बात करता हूं जोर जोर से
पर मन में कुछ रहता है दबा
शायद कुछ खुद से छिपा रहा हूं !!
सच को फुसलाता हूं रोज
झूठ को सच का चेहरा देकर
पता नही क्या हासिल करने में लगा हूं !!
खूब हस्ता हूं खिल खिला कर
जब हार जाता हूं स
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