मां का हाथ ना होगा !!'s image
सपनों ने अपने  मायाजाल में  कुछ इस तरह उलझाया
घर से निकला था जिंदगी के  चंद सपने हासिल करने 
क्या मालूम था घर लौटना भी अब एक सपना होगा !!
गाड़ी शोहरत बंगला और बैंक में  बहुत सा पैसा होगा 
लेकिन वो बचपन के दोस्त और गली का शोर ना होगा !!
सुबह सुबह साहब साहब का  बहुत तेज शोर तो होगा 
लेकिन भोर में  मां के भजनों का मीठा सा साज ना होगा !!
रात को महफिलें  जाम और हम खयालों का साथ तो होगा
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