क्यों शहर में अजब सी उदासी है
कोई जाने की जिद में तो नही है !!
सब तरफ अंधेरा सा हो गया है
उसने हिजाब तो नही लिया है!!
बहर भी अब खामोश सा हो गया है
लहरों ने रिश्ता तो नही तोड़ लिया है !!
अब्र अब बेआवाज सा हो चला है
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क्यों शहर में अजब सी उदासी है
कोई जाने की जिद में तो नही है !!
सब तरफ अंधेरा सा हो गया है
उसने हिजाब तो नही लिया है!!
बहर भी अब खामोश सा हो गया है
लहरों ने रिश्ता तो नही तोड़ लिया है !!
अब्र अब बेआवाज सा हो चला है