
विश्वबन्धुत्व के पक्षधर है
अधर्म के नाशक,
जो,धर्म के पक्ष में सदा
वह , भक्तवत्सल सखा है कृष्णा !
युगों-युगों से जो है
प्रासंगिक सदा,
वह कर्म का मर्म बताते है,
अन्याय से लड़ो सदा, सिखाते है, कृष्णा
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अधर्म के नाशक,
जो,धर्म के पक्ष में सदा
वह , भक्तवत्सल सखा है कृष्णा !
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प्रासंगिक सदा,
वह कर्म का मर्म बताते है,
अन्याय से लड़ो सदा, सिखाते है, कृष्णा