Love Shayri by Sheel's image

सफर मुहब्बत का शुरू हो न सका,

साथी तो मिला, वफा दे न सका .

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चलो हम भी मुहब्बत के सफर में चलते हैं,

साथी हो वफादार, यही दुआ करते हैं .

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वफा लेकर भी वफा दे न सका,

वो कितना सितमगर था, जो मेरा हो न सका.

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आज भी आंखों में उनकी तस्वीर लिए बैठे हैं,

आयेंगे कभी वो, ये उम्मीद लिए बैठे हैं.

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यारो दुआ करो मुहब्बत में मुकाम मिले,

ज़िन्दगी जाया न जाये, मुझे भी इनाम मिले.

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जश्न ओ जन्नत की मुझे कोई तलब नहीं,

ख्वाहिश एक ही है कि तुम मेरे मुहाफिज बनो.

 

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बिना मिले ही मुलाकात हो जाती है,

आँखों आँखों में ही सही , पर बात हो जाती है ,

गर मिला न इशारा दिन भर ,

सारी रात राख हो जाती है | 

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मुहब्बत के सफर में मंज़िल नहीं मिलती

ख़त्म होती ज़िन्दगी, मुकम्मल नहीं होती

यादें वो मीठी अश्कों से धूल नहीं पातीं

दिल का दर्द जुबां कभी कह नहीं पाती 

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ताउम्र मुझे प्यार कर

मेरा

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