
दम्भ का दमन हो
अहम् का दहन हो
ईर्ष्या भी कुछ कम हो
तब होली सफल हो ।
मृत्यु जब खेल लगे
जीवन परिपूर्ण लगे
प्रति पल सम भाव लगे
तब होली सफल हो ।
मन ईश्वर में लगे
अज्ञानता मिटे
स्वार्थ हटे
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दम्भ का दमन हो
अहम् का दहन हो
ईर्ष्या भी कुछ कम हो
तब होली सफल हो ।
मृत्यु जब खेल लगे
जीवन परिपूर्ण लगे
प्रति पल सम भाव लगे
तब होली सफल हो ।
मन ईश्वर में लगे
अज्ञानता मिटे
स्वार्थ हटे