मैं लिख रहा हूं
उस विधवा के हक के लिए
जिसके पेंशन का पैसा अफसर खा जाते हैं
मैं लिख रहा हूं
उस गरीब के लिए
जिसे अपने हक का पैसा पाने के लिए लाइनों में लग कर मरना पड़ता है
मैं लिख रहा हूं
घर से भागी उन लड़कियों के लिए
जिनको समाज बदजलन कहता है मग
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