
मैं चाहता हूं सभी पिंजड़े खोल दिए जाएं
और उसमें मर रहे पक्षी अपने घरों को जाएं
मैं चाहता हूं कि जिन बच्चों को दंगों ने खा लिए
उनकी मांओं के आंसू मेरी स्याही बन जाएं
मैं चाहता हूं कि हम ऐसी दुनियां न बनाएं
कि कोई
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