
मैं लड़ रहा हूं आईने में मेरे सामने बैठे उस शख्स से
जो दिखता मेरी तरह है
मगर उसकी साजिशें मेरे खिलाफ हैं
मैं रोज उससे मुसलसल जंग लड़ रहा हूं
जानती हो आदमी पहले नहीं मरता
उस आईने में बैठी आत्मा पहले मरती है
जो हजारों भावनाओं और आशाओं का बोझ ढोते ढोते
Read More! Earn More! Learn More!