
ये पता ना चला
बिस्तर की सिलवटें
निकालती रही
पर,कब अपना चेहरा
सिलवटो से भर गया
ये पता ना चला
अपनो के सपनों को
संवारती रही
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ये पता ना चला
बिस्तर की सिलवटें
निकालती रही
पर,कब अपना चेहरा
सिलवटो से भर गया
ये पता ना चला
अपनो के सपनों को
संवारती रही
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