
समय का पहिया
ना कर बंदे बंद दरवाज़े
मंद पवन को आने दो ।
क्यूँ अटके पलकों के नीचे
प्रेम अश्रु तो बहने दो।
जो कैद किए हैं मन के भीतर
वो
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समय का पहिया
ना कर बंदे बंद दरवाज़े
मंद पवन को आने दो ।
क्यूँ अटके पलकों के नीचे
प्रेम अश्रु तो बहने दो।
जो कैद किए हैं मन के भीतर
वो