
ना कुछ सुनना चाहता था, ना कुछ बोल पाया,
बस देखकर के मुस्कुराया..
एक अजीब सा सन्नाटा था उस पल में,
कुछ खोने का ग़म था उस कल में..
अब बातें उलझ चुकी थी,
राहें बदल चुकी थी..
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ना कुछ सुनना चाहता था, ना कुछ बोल पाया,
बस देखकर के मुस्कुराया..
एक अजीब सा सन्नाटा था उस पल में,
कुछ खोने का ग़म था उस कल में..
अब बातें उलझ चुकी थी,
राहें बदल चुकी थी..