
मैं कभी लिखूं, इस कलम से sahyri,
मैं अगर लिखूं तो, मेरी आँखें भर आएंगी।
मैं लिखूं गुलाब , तो कांटो का दर्द चुभ जाएगा,
मैं लिखूं गुलाल , तो लाल रंग भी बह जाएगा।
मैं लिखूं सच अगर , तो नेता चिढ़ जाएगा,
और मैं लिख दूं zhut अगर , तो मुरझाया गुलाब भी खि
Read More! Earn More! Learn More!