बिगड़ रही हूँ मैं...'s image
223K

बिगड़ रही हूँ मैं...

कुछ सीखा रहा है वक़्त मुझे हर घड़ी,न जाने कौन से इम्तेहान को तैयार कर रहा है मुझे हर घड़ी।

कल जो थी,आज जो भी हूँ और कल जो हो जाऊंगी,

पल पल हर पल कुछ बदल रही हूँ,

इस सब्र की आग में तप के निखर रही हूँ हर घड़ी।

बस अब और ना आंको मुझे,किसी दायरे में ना बांधो मुझे,

अब वो रात गुज़

Read More! Earn More! Learn More!