गजल's image
खुद ही भटके हैं हुए राह दिखाने वाले,
सो रहे आज हैं लोगों को जगाने वाले। 

यूं भी नफरत का है अंज़ाम बुरा होता,
बारहा खुद भी जले हैं आग लगाने वाले।

तू पिला ज़ाम उसी नाज़ अदा से साक़ी,
हैं बहुत लोग अभी नाज़ उठाने वाले।
<
Read More! Earn More! Learn More!