साथ दीजिए
रूठकर दूर हमसे जाने की कोशिश न कीजिए,
मंजिल अपनी तो एक ही है, पाने के लिए साथ तो दीजिए |
खुलुश दिल में रखते हैं, जाहिर भी नही करते,
आँखों की बंदिशों से इश्क को रुशवा तो न कीजिए |
रश्क दिल को हो जाए ऐसी अदाओं को नुमाया न कीजिए ,
रश्मे उल्फत जब निभा न सको, तो दिल लगाया न कीजिए |
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