सब पहचानते हैं............
सच की बुनियाद क्या है सब जानते हैं,
झूठ की हकीकत कहाँ सब पहचानते हैं |
नफरत भरी है जिनकी आँखों में सह्सलह,
प्यार की भाषा भला वो कहाँ पहचानते हैं |
दोस्त बनकर, दुश्मनी निभाना हो जिनकी फितरत,
भला वो मोहब्बत की पाकीजगी कहाँ पहचानते हैं |
जुल्म
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