वोट/ महंगाई's image

    थोडा हो जाइऐ सन्जीदा

आज कल बाजार मे आई है आफत नयी..  

   

देखने मे है कुछ जानी पहचानी     

ओर कभी लगती नयी- नयी..


हर दुकान ओर चबूतरे पर उसका ठिकाना

करे पसंद सब उससे बचना बचाना... 


हो गया हमसे भी आमना सामना उसका       

हम भी बोले कोन हो कहाँ से आई?


पूछने पर बोली...मै हूँ तुम्हारी महंगाई ताई, 

आयी हूँ तुम सबको सबक सिखाने .. .

    

घर दुकान और बचे खूड तक बिकवाने,

अब ऐक बच्चे से ज्यादा नही पाल पाओगे..


बस मेरे चरणो मे सलाम बजाते रह

जाओगे,

     &

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