![सोचने की आजादी's image](/images/post_og.png)
एक लड़की जिसको हर काम करने की आजादी है
पर बात शादी की है, तब उसे कुछ कहने की आजादी नहीं,बात घर की हो या बाहर की
उसे कुछ बोलने की आजादी नहीं, ये कहा क्या
न्याय है साहब, शादी मां बाप की सहमती,
उनके पसंद के लड़के से हो, इस बात से लड़कियों को कोई दिक्कत नही, पर? लड़की को उस शादी से दिक्कत है ये बोल दे तो बुरी? मैं ये नही कहती की
शादी
पर बात शादी की है, तब उसे कुछ कहने की आजादी नहीं,बात घर की हो या बाहर की
उसे कुछ बोलने की आजादी नहीं, ये कहा क्या
न्याय है साहब, शादी मां बाप की सहमती,
उनके पसंद के लड़के से हो, इस बात से लड़कियों को कोई दिक्कत नही, पर? लड़की को उस शादी से दिक्कत है ये बोल दे तो बुरी? मैं ये नही कहती की
शादी
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