
माँ की दुआ जिसे मिल जाती है,
राहों में रोशनी छा जाती है।
मुश्किलें थीं पहाड़ जैसी जिंदगी की,
बूँद-सी बनकर बह जाती हैं।
आँधियों में भी उसकी दुआ से जलता दिया ,
साए में उसके हर डर ढल जाता।
कदम जो लगते लड़खड़ाने ,
हौसले का फूल उसके स्पर्श से खिल जाता है
उसकी हथेली जब सिर पे आती,
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