
हिंदी से क्यों भाग रहा, यह दिल से दिल की भाषा है।
इसमें बस है मां का प्रेम, यह अपनी मातृभाषा है
इसने सिखाई हमें, संस्कृति और सभ्यता की राह दिखाई
हर धड़कन और हर चाह मैं हमने अपनी भाषा से हर मंजिल पाइ
विदेशी भाषा के मोह में, क्यों भूल रहे अपनी
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