रेलगाड़ी's image
401K

रेलगाड़ी

ज़िंदगी की रेलगाड़ी रुक गई। 


जीवन चलता है ज़मीन को छू कर।

सुख का दर्द में

दुःख का आराम में

ज़मीन टूट चुकी थी।

सुख और दुःख मिलाकर जीवन-

दोनों अलग हो गए एक दूसरे से-

इसलिए टूटी ज़िंदगी। 



एक जीवन के ऊपर

Read More! Earn More! Learn More!