
मन जूते की तरह कहीं भी चला जाता है, जहाँ जाना नहीं चाहिए वहां भी।
दिल मुकुट की तरह सोच समझकर एक इंसान को पहचानता है, गलत नहीं कभी।
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मन जूते की तरह कहीं भी चला जाता है, जहाँ जाना नहीं चाहिए वहां भी।
दिल मुकुट की तरह सोच समझकर एक इंसान को पहचानता है, गलत नहीं कभी।