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क्राइम साइकोलॉजी

'मेरी अपनी माँ नहीं थी।

बाप की दूसरी शादी।

जब खाना मांगता था,

सौतेली माँ आग से जला देती हाथ।

एक मासूम औरत को मैं ज़िंदा जला दिया'। 

   

'बचपन में बाप मर चुका था।

माँ ने दूसरे का घर में काम करके मुझे पालन की थी।

उसे बहुत तकलीफ़ मिली,

थप्पड़ जूते सब मिली।

मुझ पर विश्वास रखिए-

माँ बिलकुल मासूम थी।

मैं अभी मासूम लोगों को हत्या करके मज़ा लेता हूँ'।  



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