अगर खुद को दुःख नहीं मिले,
तो कैसे समझेंगे दूसरे का दुःख।
सुख ख़रीद लेता है इंसान को,
वह बिलकुल भूल जाता है अपने आपको
और छीन लेता है पड़ोसी का सुख।
सुख और दुःख एक सिक्का का हेड और टेल हैं।
हेड का मतलब-
सुखी इंसान अपना सिर को
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