विरह की बेला's image
64K

विरह की बेला

ये दुनियाँ तो एक मेला है,

हर्ष और विषाद का खेला है,

प्रिय मेरी मत होना उदास,

निराशा परे है इसमें आस।


सोचूँ तो बात यह भाती है,

सुख-दुःख तो जीवनसाथी है,

उजाला से पहले अँधेरा है,

हर साँझ के बाद सवेरा है।


विरह बेला पर ना रोना तुम,

Tag: Love और9 अन्य
Read More! Earn More! Learn More!