मेरा प्रेम जो तुम्हारे लिए,
प्रश्न चिन्ह बन आया है,
वही प्रेम मेरे पन्ने पर,
कविता बन उतर आया है।
सीमा नहीं मेरे प्रेम की,
असीम ललक तुम्हें पाने की,
चाह अधरों की मीठी लाली,
या काजल बन जाने की।
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प्रश्न चिन्ह बन आया है,
वही प्रेम मेरे पन्ने पर,
कविता बन उतर आया है।
सीमा नहीं मेरे प्रेम की,
असीम ललक तुम्हें पाने की,
चाह अधरों की मीठी लाली,
या काजल बन जाने की।
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