![मनमीत's image](/images/post_og.png)
हे प्रिय मेरे मनमीत मेरे, जीवन में तेरे आने से
चित चितवन तेरी छवि, मन दर्पण पर छाने से
रसवंती सुमन मधु, अनुराग सुधा बरसाने से
क्षिप्त मन अब शांत हुआ, प्रेम दीप जलाने से
ताल हृदय का स्पंदन, उद्वेलित उमंग जगाने से
है झंकृत मेरा अंत
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