अकेलेपन का तमाशा!'s image
104K

अकेलेपन का तमाशा!

अपने अकेलेपन का तमाशा अजीब कर रहा हूँ मैं,
सौ कुर्सियों मे सौ शीशे रख दिए हैं,
बस उन्हीं से बातचीत कर रहा हूँ मैं। 


समझ आ गया हैं मुझे
खुशियाँ मुफ्त का नहीं उधार का सामान हैं,
क्योंकि उसे देने वाले अब उनका हर रोज़ तक़ाज़ा कर
Tag: poetry और3 अन्य
Read More! Earn More! Learn More!