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प्रेम की ताक़त
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“भीतर दबा समंदर
कुछ खारा और कुछ सूखा हो सकता है
बरसते बादल भी
उसे कई बार सींच नहीं पाते…”
नदी से मिली प्रेम की&nb
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प्रेम की ताक़त
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“भीतर दबा समंदर
कुछ खारा और कुछ सूखा हो सकता है
बरसते बादल भी
उसे कई बार सींच नहीं पाते…”
नदी से मिली प्रेम की&nb