
इश्क़ करने की सज़ा
इतनी बेरहम भी ना हो.
कि जुबाँ ख़ामोश हो जाये
और अल्फ़ाज़,गुमशुदा हो जाए
इश्क़ इतना भी ना हो
कि रात.... दिन लगने लगे
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इश्क़ करने की सज़ा
इतनी बेरहम भी ना हो.
कि जुबाँ ख़ामोश हो जाये
और अल्फ़ाज़,गुमशुदा हो जाए
इश्क़ इतना भी ना हो
कि रात.... दिन लगने लगे